तेरे इश्क़ की खुमारी में,
ऐसे हम गुम है,
बताओं इश्क़ हैं खुबसूरत,
या खुबसूरत हम है...?
नशे की बात करती,
तेरी ये आँखे,
पलकों की छाँव में,
बनाएं है हजारो आशियाने.....!
होठों की ये मुस्कान,
जैसे हो तीर-कमान,
बेसुध सी,बेखबर सी,
हो गई मेरी रूह और जान....
मेरी हर सोंच पर,
पहरा है तेरा,
ताना बाना बुनती हूँ,
कैसा होगा चेहरा तेरा....?
काश तसव्वुर से निकाल,
तुझे मैं सवार सकूँ,
तेरी बाहों में ही,
जिंदगी मैं बीता सकूँ....!
रोज धड़कने बेतरीब रहतीं हैं,
तुझे मिलने की आस में,
हर साँस मेरी,
उम्मीद के करीब रहती है....!
तुम मिलों न मिलों,
पर तुम मेरे साथ हो.....
हो दुआ कबूल और,
तेरे प्यार की बिन मौसम बरसात हो......!!
✍✍नेहा चौधरी की क़लम से 🙏🙏
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