पूजा को अचानक मंडप में आया देख लोगो में खलबली मच गई....!!!!पर पूजा चुपचाप जाकर एक कोने में खड़ी हो गई......लोगों ने बातों की, इल्जामो की, और व्यंग बाणों की झड़ी लगा दी.....
कैसी लडकी हैं????इतना सब करके भी जी नहीं भरा!!!!!
हाँ सही कहा....मैंने तो सुना हैं, अपनी मरज़ी से गई थी उस दिन यें.....!!!!
हाँ क्या?????हाँ तभी तो!!!!!! दिन-दहाड़े कैसे कोई जबरदस्ती ले जा सकता है?????
अरे बहन.....इसके तो रंग ढंग ही अलग से हैं....
कितनी बार तो मैंने देखा है इसे आधी आधी रात को घर आते हुए......और तो और कपड़े देखे हैं कभी इसके....ओछे ओछे बेढंगे....
अरे कपड़े तो रहने तो जब देखो तब हँस हँस कर बाते करती थी सबसे अब लोग तो गलत ही समझेंगे ना.....!!!!
आज देखों कैसी भोली और बेचारी बन कर खड़ी हैं??? आज कैसे सलवार कमीज़ पहनें हुए हैं?????
इसे आना ही नहीं था शादी जैसे अच्छें काम में.....!!!!!
लोग जाने क्या क्या बात करते रहे......पूजा के बारे में......
क्यूँ????शायद आप समझ ही गए होंगे?????
जी हाँ पूजा के साथ वो हुआ था जिसका नाम लेना भी सभ्य समाज में वर्जित हैं........बलात्कार......!!!!!
लोगों की सारी बातें गौतम सुन रहा था....गौतम....पूजा का बड़ा भाई जिसकी आज शादी थी....पूजा तो आ ही नहीं रहीं थीं पर गौतम....और उसकी होंने वाली वाइफ मानसी ने पूजा को कसम दे दी थीं कि वो नहीं आएगी तो शादी करेंगे ही नहीं.....अपने इकलौते भाई की शादी में आते हुए पूजा का कलेजा मुंह को आ रहा था...क्यूँकि वो एक रेप विक्टिम थी.......
गौतम और मानसी पूजा का हाथ पकड़कर अपने साथ स्टेज पर ले जाते हैं.......
Ladies and gentlemen......May I have your attention please......गौतम ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने कहा.......अब मैं जो कहने जा रहा हूँ, वो बात आप लोगों को शायद ठीक ना लगें पर कहना जरूरी हैं.......क्यूँकि कारण आप लोगों ने ही दिया है.....आप लोगों को शायद लगता है कि मेरी बहन पूजा.....चरित्रहीन हैं!!!!!क्यूँ...सही कहा ना????
यें ....तेइस बरस की लड़की जो कि पेशे से एक डाक्टर हैं.....इसे रात बिरात कभी भी हाॅस्पीटल जाना पड़ता हैं और हाॅस्पीटल से घर आना पड़ता हैं.....क्यूँकि....इसके पेशेंट को इसकी जरूरत होती हैं और यें एक बहोत ही जिम्मेदार और होनहार डाक्टर हैं......पूजा की ओर देखते हुए गौतम ने कहा......
जी हाँ सही कह रहे हैं गौतम......मानसी बोली.....मेरी पूजा हर किसी की मदत करने के लिए आगें रहतीं हैं हमेशा.....उस दिन भी......गहरी साँस ले मानसी ने कहा.....उस दिन यें हस्पताल से घर आने निकली रहीं थी.....शाम चार बजे के आसपास.....इतनें में एक पचास साल के करीब के आदमी ने इससे कहां कि उसे अभ्यंकर नगर के पास छोड़ दें.....उसकी बीवी को हस्पताल में भर्ती कराया गया है और जल्दी जल्दी में कुछ समान लेकर नहीं आ पाया...उसके घर में उसकी बीवी के अलावा कोई भी नहीं हैं और जो उसकी मदत कर सकें ....और वो काफी देर से खड़ा हैं उसे कोई भी सवारी नहीं मिल रहीं हैं.....और वो घर जाकर जरूरी सामान लाना चाहता हैं...... बस यही गलती कर बैठी पूजा......कि भरोसा कर लिया.....पिता की उम्र के एक आदमी पर.....
उसे वो अभ्यंकर नगर स्थित उसके घर ले आई......वापस जाने मुड़ ही रहीं थी के उस आदमी ने....इसके सर पर जोरदार वार कर इसे बेहोश कर दिया.....और फिर.......!!!!!!!
क्या कसूर था इसका????भरोसा करना बाप की उम्र के एक आदमी पर....!!!!!उस आदमी ने न केवल इसका रेप किया बल्कि इसको दो दिन बंधक बना कर रखा......और पूरे दो दिन तक इसकी आबरू तार तार करता रहा......वो तो नशे की हालत में उस आदमी ने रूम का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया जिससे ये वहाँ से भाग निकली.....आप सोंच भी नहीं सकतें क्या बीती होगी इस पर.....मैं दिखाऊँ आपकों?????यें देखिये.....कहतें हुए मानसी ने पूजा की कुर्ती की आस्तिन फाड़ दी....पूजा की पूरी बाँह पर दाँत काटे के निशान थें और एक दो जगहों पर पूरा मांस खाया था.......!!!!
देखिये ये हैं इस के घाव.....यें तो कुछ भी नहीं.....इसके अंगों को तक को खा गया वो दरिंदा और आप कहतें है अपनी मर्जी से गई थी......!!!!!!
जो दर्द....जो पीड़ा.... इस मासूम ने सही हैं ना आप और मैं कल्पना भी नहीं कर सकते!!!!!तन के घाव पर तो मरहम लगाया जा सकता है पर मन के घावों पर???????
जब जब यें बाहर निकलेंगी आप जैसे समाज़ के ठेकेदार इसे नोच नोच कर खाएंगें बातों से....नज़रो से......
इसका रेप हुआ हैं मतलब अब यें सबके लिए "Easily Available" हो गई??????कोई भी आओं.....जो करना है करो और चलतें बनों.....!!!!!!
धिक्कार है आप लोगों की सोंच पर.....क्यूँ जीयें यें एक बेचारी की जिन्दगी?????किस कसूर की सज़ा भुगते??????क्या बुरा किया अपने इकलौते भाई की शादी में आ गई तो.....वो तो एक आदमी था जिसनें इसकी इज्ज़त लुटी थी.....यहाँ और कहीं भी.....जाने कितने आदमी और औरतें हैं जो अब रोज इसकी इज्ज़त लुट रहें हैं.......!!!!!आप लोगों की सोंच पर तरस आ रहा हैं......
सहमी सी....सिसकती सी पूजा को गले लगाते हुए मानसी ने कहां.....गौतम हमारी दुनिया तो बस हमारा परिवार हैं ना......इस दोगली दुनिया से हमें क्या करना.....यें हो तो ठीक....ना हो तो ठीक....
मानसी का इशारा समझतें हुए गौतम ने आए हुए मेहमानों को कहां आप सब आए....आप सब का शुक्रिया.....कृपया कर खाना खा कर ही जाएँ.....आप जैसों के आशीर्वाद की हमें कोई जरूरत नहीं.....और हो सके तो किसी लड़की के चरित्र का विश्लेषण करने की कोशिश भी ना करें.....हर किसी के चरित्र विश्लेषण करने का ठेका ना लें.......और फिर भी करना ही हैं विश्लेषण......तो सम्मान के लिए और ग़लत के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वाली लड़की.....चरित्रहीन ही ठीक हैं.......जिससें वो बेखौफ़ हो लड़ सकें......हम हमारी बच्ची के साथ भी हैं और पीछे भी हैं.....इसीलिए बेहतर यहीं होगा कि आप सब.......
गौतम और मानसी के प्यार नें पूजा को नई उम्मीद और हिम्मत से भर दिया और रोते रोते भी वो मुस्कुरा उठीं।।।।
||समाप्त||